Tuesday, March 28, 2017

गलाड कैम्प में ' शहीदे आज़म - अमर रहे , इंकलाब - जिन्दाबाद ' के नारे गूंजे


' लोमजक ' द्वारा आयोजित ' भगत सिंह - शहीदे आज़म ' कड़ी का अंतिम कार्यक्रम सम्पन्न हुआ . इस साल बैठकी , एकल भाषण और पोस्टर कविता जैसे छोटे - छोटे कार्यक्रमों के अंतर्गत छात्र वर्ग को प्राथमिकता दी गयी . आज लोकमंच के साथी पाकिस्तान सीमा से सटे साम्बा जिले के गाँव गलाड कैम्प में थे . 


यह गाँव आए दिन पाकिस्तानी गोलीबारी के कारण राष्ट्रीय सुर्खियों में रहता आया है . यहाँ देशभक्ति , युद्ध , तनाव , खौफ , विस्थापन , फसलों की बर्बादी , अनदेखी और अशांति जैसे शब्द ग्रामीणों के लिए नए नहीं हैं . ऐसे में शहीदे आज़म के देशभक्ति , क्रांति , राजनीति , शोषण , विज्ञान , ईश्वर , धर्म , साम्प्रदायिकता सम्बन्धी विचारों को बड़े ध्यान से सुना गया .


 कार्यक्रम की शुरुआत गाँव के बुजुर्ग किसान श्री सेवा राम को सम्मान देकर की गई . इसके बाद ' लोकमंच जम्मू - कश्मीर ' के संयोजक कुमार कृष्ण शर्मा ने सबका स्वागत किया . उन्होंने संगठन द्वारा की जाने वाली सांस्कृतिक और साहित्यिक गतिविधियों के बारे में जानकारी दी . उन्होंने बाजारवाद , पूँजीवाद और सपनों के बदलते अर्थ पर विचार प्रकट किये . शहीद भगत सिंह और पाश के बलिदान को नमन किया . प्रतिबद्ध सदस्य अदिति ने शहीद भगत सिंह के जीवन पर एक सुन्दर आलेख पढ़ा . 

अगले वक्ता के रूप में चौथी कक्षा में पढ़ने वाले कृतिक ने शहीदे आज़म पर बहुत प्यारे विचार रखे . उन्होंने कहा कि जिस दिन तक स्कूल जाती बस में से झुग्गी झोपड़ियों के बाहर खेलते ; शिक्षा से वंचित बच्चे दिखाई देंगे , तब तक प्यारे भगत सिंह का सपना पूरा नहीं हो सकता . 

उसके बाद सह संयोजक कमल जीत चौधरी ने दुनिया में बढ़ते हत्यारों और हथियारों की निंदा की . पर्यावरण , धार्मिक कट्टरता , अंधविश्वास , साम्प्रदायिकता , उन्माद को लेकर चिंता ज़ाहिर की . देशहित में युवाओं से सामूहिक सपनों और प्रतिरोध की संस्कृति को मजबूत करने में अपना योग देने का आह्वान किया . 

उन्होंने कहा कि संकुचित और स्वार्थी सत्ताएँ शहीदे आज़म को अपनी सुविधा अनुसार गलत ढंग से पेश कर रही हैं ; जबकि उनका जीवन विश्वबंधुत्व और वसुधैवकुटुम्बकम के व्यापक आदर्श को सामने रखता है . वे किसी विशेष के नहीं आम आदमी के नायक हैं . उनकी विचारधारा का अनुकरण करते हुए हमें एक तार्किक , प्रतिबद्ध और वैज्ञानिक जीवन जीना चाहिए . 

कलाकार शशि पावेल ने कहा कि जब तक हमारे पास सवाल और जिज्ञासा नहीं हैं ; हम किसी के बारे में सही - सही नहीं जान सकते . उन्होंने भगत सिंह के नास्तिक जीवन को प्रासंगिक और महान बताया .

 इसके बाद महेश कुमार ने भी अपने विचार रखे . कार्यक्रम में मिन्टू सिंह ने भगत सिंह और साथी सदस्य कुलदीप ' किप्पी ' ने बेटियों पर सुन्दर भावपूर्ण गीत गाए . साथी स्वामी अंतरनीरव ने पहाड़ी कविताओं को प्रभावी अभिनय से प्रस्तुत करके खूब सराहना पाई . 

सके अलावा गाशा पावेल , कुमार कृष्ण शर्मा , श्वेत केतु , किप्पी और कमल जीत ने अपनी कविताओं का पाठ किया . कार्यक्रम के शुरू और अंत में ' इंकलाब ज़िन्दाबाद ' और ' भगत सिंह , सुखदेव , राजगुरु और पाश अमर रहें ' के नारे लगे . 

कार्यक्रम खत्म होने पर गाँव के युवा लड़कों ने भविष्य में भी लोकमंच को सहयोग देने की बात की . कार्यक्रम में कंगवाला से आए मोनू चौधरी ने अगला कार्यक्रम अपने गाँव में करवाने का प्रस्ताव रखा . जिसका स्वागत किया गया . 




कार्यक्रम में राकेश , अश्वनी चौधरी ( बोनी ) , शुभम , रमण , सुमित चौधरी , अभि , अनमोल , दीपक चौधरी , रोहित , अमित , मारकोनी , बिल्ला , अल्ब्रेटा , बाबा , अमन , स्मृति , मंजुला , पंकज , रजत , महेश कुमार , सोबित , सन्नी , कपिल , संजू , मोंटी चौधरी , संदीप सिंह , सुभाष चौधरी , हरनाम , अनिल चौधरी , मिठ्ठू , मोती चौधरी आदि शामिल हुए .


रिपोर्ट :
गगन सिंह ' शशि '
लोक मंच जम्मू - कश्मीर ,
26 मार्च , 2017.