Thursday, July 11, 2013

ज्योति चौधरी


जन्म - १३ फरवरी १९९३
जन्म स्थान -  हीरानगर , कठुआ का सीमावर्ती गाँव होड़ 
माँ - शारदा देवी
पिता - जगदीश चौधरी
शिक्षा - कला संकाय में स्नात्तक
देहावसान - ०९ जून २०१३

अपने हाथों से लगाया हुआ पेड़  असमय कट गया है। मेरे लिए यह क्षण अति भावुक है।  मेरे हजारों विधार्थियों में ज्योति एक अलग पहचान रखती थी। अंकों की दौड़ से परे वह जो कुछ अर्जित कर रही थी वह शिक्षा का मुख्य ध्येय होना चाहिए। समाज के प्रति वह  मन ही मन एक संकल्प और दायित्व पाल रही थी। साहित्य में गहरी अभिरुचि यक़ीनन उसे दूर लेकर जाती। उसके आदर्श और प्रेरणादायक जीवन को गर्वभरा सलाम। अगाध दुःख की इस घड़ी में हम ज्योति के परिवार और दोस्तों के साथ हैं।

भावभीनी श्रद्धांजली के साथ प्रस्तुत हैं ज्योति द्वारा लिखित कुछ कविताएँ -

मेरा सपना
 
मेरा सपना अभी अधूरा
जाने कब होगा पूरा
होगा होगा
होगा ज़रूर एक दिन पूरा
मेरा सपना
हालात बदलना
ख्यालात बदलना
बात बदलना
काली काली रात बदलना ...

मैं चाहती हूँ
प्यार विश्वास आस
दुनिया एक ख़ास।


नारी

पहले अँधेरे के वृत्त में
नारी थी लाचार

पर नारी अब क्यों है लचार
कलम अक्षर स्याही पाकर भी
बनती क्यों नहीं होशियार

भाषण बोलते नर नारी समान
फिर नारी का ही क्यों होता अपमान
नारी को सामूहिक पंजे रहे हैं घेर
नोच रहे नर बनकर शेर ...

नारी क्यों है लाचार !


सुन्दरता

सुन्दरता क्या है
सुन्दरता मोह की तस्वीर है
सोने की ज़ंजीर है -
आओ सुन्दर मन को देखें
फूल नहीं खुशबू




पढ़ाई

आज नहीं रही पढ़ाई
बन गई गुरुओं की कमाई
मिशन और विज़न गायब है
टी० ए० डी० ए० पैसा पैसा
कुंजी गाइड और पाठ्यक्रम
बची नहीं थोड़ी भी शर्म ...
कैसे दें हम इनको सम्मान
आड़े आता है स्वाभिमान।



 गुलाब

काँटों में हँसता है
ध्यान से देखना लड़ता है

जितना सुन्दर है नाम
उतना सुन्दर है काम
सबको महक देता है
दिल में लहक देता है
आ जाए मौका अगर
आग देता है
दहक देता है ...

मेरे मन में भी है आस
मैं भी हो जाऊँगी गुलाब
मुझ से भी सब करेंगे प्यार!


 ज़िन्दगी
 
 ज़िन्दगी क्या है
 सोचती हूँ
 खेल है
 जीतता है कौन
 हारता है कौन
 कदम कदम ठाँव ठाँव
 किसने लगा दिया इसमें पैसे का दांव
 पैसे ने कर दी ज़िन्दगी ख़राब
 हर बात में क्यों आ गया हिसाब ...

 ज़िन्दगी है बेरंग
 आओ भरे इसमें रंग!





प्रस्तुति 


 


 कमल जीत चौधरी
 गाँव व डाक - काली बड़ी
 तहसील व जिला - साम्बा { १८४१२१ }
 ई मेल - kamal.j.choudhary@gmail.com
 दूरभाष - 09419274403


(सभी चित्र गूगल की मदद से विभिन्न साइट्स से साभार लिए गए हैं)




4 comments:

  1. so sad.........poems are heart touching

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  2. श्रद्धांजलि...सपनों को हकीकत में बदलने की प्रेरणा देती कविताएं

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  3. ज्योति... ईश्वर आपकी आत्मा को शांति दे...छोटी सी उम्र लेकिन विचार बड़े

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  4. श्रद्धांजलि

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